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Monday 8 September 2014

जमू कश्मीर में राहत-बचाव का काम जारी, अब भी लाखों फंसे, एक हफ्ते में खुलेंगी सड़कें ..

 जमू कश्मीर में राहत-बचाव का काम जारी, अब भी लाखों फंसे, एक हफ्ते में खुलेंगी सड़कें ..

 जम्मू कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान में सोमवार को नौसेना के कमांडोज को भी पहली बार तैनात किया गया. बाढ़ प्रभावित कश्मीर घाटी में 3जी दूरसंचार सेवा के 90 टावरों ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि महत्वपूर्ण संचार टावरों को बहाल करने के लिए 10 वीसैट प्रणालियां भेजी जा रही हैं. एक अनुमान के मुताबिक, सड़कों पर ट्रांसपोर्ट बहाल होने में 5 से 7 दिन लग सकते हैं.
घाटी में सोमवार को बारिश नहीं हुई लेकिन श्रीनगर व कुछ अन्य शहरों में बाढ़ के पानी के स्तर में कमी नहीं आई है जिससे लाखों फंसे लोगों को बचाने में बचाव एजेंसियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. श्रीनगर का बड़ा हिस्सा जलमग्न है और दर्जनों नावों को इन इलाकों में तैनात किया गया है. छह दशक में राज्य में आई इस भीषणतम बाढ़ से प्रभावित कई इलाकों में लोग घर की छतों और अपने घर के ऊपरी मंजिल पर शरण लिए हुए हैं.
बाढ़ की वजह से अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पहली बार दक्षिण कश्मीर में राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया गया और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों एवं परिवहन विमानों ने कई उड़ानें भरीं . अभी तक करीब 22 हजार लोगों को बचाया गया है जिनमें 2000 लोग श्रीनगर एवं आसपास के इलाकों के हैं. वायुसेना ने बचाव एवं राहत अभियान के लिए 45 विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. जिन लोगों को बचाया गया है उनमें 1400 सैनिक और उनके परिजन हैं जो श्रीनगर के बादामीबाग कैंट स्थित मुख्यालय के बाढ़ की चपेट में आने से फंसे हुए थे.
90 3जी टावरों ने काम करना किया शुरू
कैबिनेट सचिव अजीत सेठ की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की एक बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, 90 3जी टॉवरों ने काम करना शुरू कर दिया है. महत्वपूर्ण संचार टॉवरों को बहाल करने के लिए 10 वीसैट प्रणाली भेजे जा रहे हैं. बरदुला से सैटेलाइट लिंक उपलब्ध कराया गया है. हालांकि बाढ़ प्रभावित घाटी में सड़क संपर्क की बहाली में पांच से सात दिन लग जाएंगे. केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने मनाली और लेह के रास्ते श्रीनगर के लिए निर्बाध परिवहन के निर्देश दिए हैं.
पेयजल और कंबल भेजे जाएंगे
रसद सामग्री की आपातकालीन व्यवस्था के लिए लेह से पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्य सामग्री और दवाएं श्रीनगर भेजी जाएंगी. इसी तरह मनाली-रोहतांग दर्रा-लेह-श्रीनगर के रास्ते उत्तर भारत से भी ये चीजें भेजी जाएंगी. पेयजल और कंबलों की कमी को देखते हुए गृह मंत्रालय बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पेयजल बोतलें और कंबल भेज रहा है. अधिकारी ने कहा, कश्मीर घाटी में रातें और ठंडी होती जा रही हैं, इसलिए हम तुरंत कंबलों की व्यवस्था कर रहे हैं और उन्हें श्रीनगर भेज रहे हैं. वहां पेयजल का भी संकट है. इसलिए हमने अगले चार से पांच दिनों के लिए आज से पानी की हजारों बोतलें भेजनी शुरू कर दी हैं.
रेलवे भी बोतलबंद पानी और पानी के पैकेट जम्मू लेकर जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि कश्मीर को जम्मू से जोड़ने वाले तीन राजमार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और सीमा सड़क संगठन ने नुकसान का आकलन किया है और कहा है कि इनकी बहाली में कम से कम पांच से सात दिन लग जाएंगे.
केंद्र की टीम श्रीनगर में
राज्य के शीर्ष सरकारी अधिकारियों तक से संपर्क न कर पाने की समस्या से जूझ रहे केंद्र ने श्रीनगर में 15 हाई फ्रीक्वेंसी वायरलेस सेट भेजे हैं और उस वायरलेस सेवा आज रात तक बहाल हो जाने की उम्मीद है. केंद्रीय गृह मंत्रालय में (आपदा प्रबंधन) संयुक्त सचिव जीवीवी सरमा के नेतृत्व वाले अधिकारियों का एक 10 सदस्यीय दल श्रीनगर गया हुआ है और सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव अभियानों का समन्वय कर रहा है.
सरकार कश्मीर घाटी में बिजली के कनेक्शन बहाल करने की भी कोशिश कर रही है और इस काम के लिए लोगों को तैनात कर रही है. हालांकि अब तक पेट्रोल और डीजल की कमी नहीं हुई है लेकिन घाटी के 78 में से कम से कम 50 पेट्रोल पम्प बाढ़ के पानी से भरे हैं. प्राधिकारी साथ ही श्रीनगर शहर के निचले इलाकों से बाढ़ का पानी निकालने के लिए शक्तिशाली पम्प लगाने पर भी विचार कर रहे हैं.
अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर और जम्मू के साथ वायु संपर्क सामान्य है जबकि कटरा तक ट्रेन लाइनों के मंगलवार तक चालू होने की उम्मीद है. सेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य एजेंसियों ने अब तक 25,000 से अधिक लोगों को बाहर निकाला है और उन्हें घाटी के ऊंचे इलाकों में ले गए हैं. राज्य में बाढ़ की वजह से मारे गए 150 लोगों में से 130 जम्मू के जबकि बाकी कश्मीर घाटी के हैं.
खाने के पैकेट भी भेजे गए
इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भोजन के 40,000 पैकेट जम्मू-कश्मीर भेजे गए हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, कंबल, पानी की बोतलें, बिस्किट, दूध का पाउडर, दवाएं और भोजन के 40 हजार पैकेट राज्य को भेजे गए हैं . एनडीआरएफ पहले ही राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अपनी 17 टुकड़ियां तैनात कर चुकी है. एक टुकड़ी में 75 से 100 जवान होते हैं. बचाव के काम में 29 हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं. गृह मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, एनडीआरएफ ने बचाव अभियान में 100 से ज्यादा नाव लगाए हैं. उनमें से ज्यादातर कश्मीर में तैनात हैं.
वैष्णो देवी यात्रा बहाल
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुट पहाड़ी में स्थित श्री माता वैष्णोदेवी गुफा मंदिर में दर्शन के लिए यात्रा भारी वर्षा के चलते चार दिन तक निलंबित रहने के बाद सोमवार सुबह फिर से शुरू हो गई. माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए 17700 तीर्थयात्री मंदिर की ओर रवाना हुए हैं. तीर्थयात्रा यद्यपि पुराने मार्ग से बहाल हुई है क्योंकि दोनों नये मार्ग भूस्खलन के मद्देनजर अभी भी बंद हैं.See More




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